दिल्ली से मुंबई का सफर आने वाले समय में महज 12 से 13 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने के बाद दिल्ली में डीएनडी से मुंबई के बीच की दूरी में 130 किलोमीटर की कमी आएगी। वर्तमान में दिल्ली से मुंबई की दूरी सड़क मार्ग से करीब 1,510 किलोमीटर है। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद इसकी दूरी 1,350 किलोमीटर रह जाएगी। यह एक्सप्रेस-वे फिलहाल आठ लेन का होगा। इस एक्सप्रेस-वे को भारतमाला परियोजना के पहले चरण के हिस्से के रूप में बनाया जा रहा है।

दिल्ली से मुंबई के बीच 6 राज्य, बेहतर होगी कनेक्टिविटी
दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। इस रूट पर हरियाणा का गुरुग्राम, मेवात, राजस्थान का रंथभौर, कोटा, मुकुंदरा सेंक्चुरी, मध्यप्रदेश में रतलाम, गुजरात में दाहोद, गोधरा, वडोदरा, सूरत जैसे बड़े शहर पड़ेंगे। एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने से जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

 

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर दौसा और बूंदी दोनों सेक्शन के निर्माण होने से दिल्ली से जयपुर के बीच की दूरी सिर्फ 2 घंटे में तय की जा सकेगी।

 

दिल्ली से सिर्फ दो घंटे की दूरी पर होंगे ये प्रमुख शहर
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि देश में आने वाले समय में दिल्ली से चंडीगढ़, दिल्ली से हरिद्वार और दिल्ली से देहरादून सिर्फ दो घंटे में पहुंचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली से कटरा का सफर 6 घंटे में ही पूरा किया जा सकेगा। नितिन गडकरी ने कहा कि आने वाले समय में हम आपको चार घंटों में दिल्ली से अमृतसर पहुंचा देंगे।

Highway

 

राज्य एक्सप्रेस-वे का हिस्सा (किलोमीटर में) खर्च(रुपये में)
दिल्ली 9 1800 करोड़
हरियाणा 160 10,400 करोड़
राजस्थान 374 16,600 करोड़
मध्यप्रदेश 245 11,100 करोड़
गुजरात 423 35,100 करोड़
महाराष्ट्र 171 23,000 करोड़

मार्च 2023 में तैयार होगा एक्सप्रेस-वे
करीब 1350 किलोमीटर का यह एक्सप्रेस-वे मार्च 2023 में बनकर तैयार हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस एक्सप्रेस वे पर हैलीपैड भी बनाया जाएगा। इससे दुर्घटना की सूरत में पीड़ितों को जल्द से जल्द निकाला जा सकेगा। इसके अलावा ड्रोन ऑपरेशन की भी योजना है। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस वे के दोनों और इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर बनाने का भी योजना है। इसके लिए राज्य सरकार कोई विशेष योजना बनाएं तो सड़क मंत्रालय पूरा सहयोग करेगा।

कब-कब, कहां तक बनकर होगा तैयार

  • दिल्ली से दौसा तक – 214 किलोमीटर (मार्च 2022)
  • वडोदरा से अंकलेश्वर तक – 100 किलोमीटर ( मार्च, 2022)
  • कोटा से रतलाम – 250 किलोमीटर (नवंबर, 2022)
  • बाकी बचा एक्सप्रेस वे मार्च, 2023 तक पूरा होगा

ये हैं हाइवे की खासियत
ये हाइवे एक्सेस कंट्रोल है। इसका मतलब है कि हाइवे की बीच में एक तरफ से दूसरी तरफ कोई भी आ जा नहीं सकेगा। एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने के बाद फ्यूल की खपत में 32 करोड़ लीटर की कमी भी आएगी। CO2 उत्सर्जन में 85 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी जो कि चार करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। यह पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद होगा। हाइवे पर हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेसटिंग सिस्टम होगा। एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 40 लाख पेड़ लगाए जाने की योजना है।

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वन्य जीवों का रखा जाएगा खास ध्यान
यह एशिया का पहला ऐसा हाइवे हैं जिसके निर्माण में वन्यजीवों के लिए ग्रीन ओवरपास की सुविधा दी जाएगी। इसके अंतर्गत आठ लेन की दो सुरंग बनाई जाएगी। इनमें से एक सुरंग पहले राजस्थान के मुकुंदरा सेंक्चुरी के नीचे से बनाई जा रही है। दूसरी सुरंग महाराष्ट्र के माथेरान ईको सेंसिटिव जोन में बनाई जाएगी। इसकी लंबाई भी चार किलोमीटर है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह एक्सप्रेस-वे मुकंदरा और रणथंभौर से होकर भी गुजर रहा है। ऐसे में वन्यजीवों को प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए साइलेंट कॉरिडोर लाया जा रहा है।

 

दुनिया में दूसरे बड़ा ग्रीन ओवरपास
बूंदी-सवाईमाधोपुर के बीच दुनिया का दूसरे बड़ा ग्रीन ओवरपास जंगल, वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर साढे तीन किलोमीटर के अंतराल में 5 ग्रीन ओवर पास का निर्माण किया जा रहा हैं। यह ओवर पास रणथंभौर नेशनल पार्क, बूंदी रामगढ टाइगर रिजर्व और कोटा मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के बीच कोरिडोर पर बनाया जा रहा हैं। इन तीनों नेशनल पार्क में वन्यजीव आसानी से आ जा सकते हैं। साथ 4 किलोमीटर पर टनल मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बनाई जा रही हैं।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे

  • मार्च, 2023 तक पूरी तरह बनकर तैयार होना है
  • हाइवे की लंबाई- 1,380 किलोमीटर
  • निर्माण खर्च- करीब 1 लाख करोड़ रुपये
  • 1,200 किलोमीटर से ज्यादा पर काम शुरू
  • 375 किलोमीटर से ज्यादा हाइवे बन चुका
  • 120 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेंगी गाड़ियां

दुनिया में इतना लंबा 12 लेन का हाइवे नहीं
मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि फिलहाल यह एक्सप्रेसवे आठ लेन का है। आने वाले दिनों में इसे 12 लाइन का किया जाएगा। हाइवे के बीच में 21 मीटर चौड़ी जगह छोड़ी जा रही है। जैसे ही इस हाइवे पर ट्रैफिक बढ़ेगा। दोनों ओर 2-2 लेन और बना दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि देश में एक हाइवे ऐसा हो जो इलेक्ट्रिक हो। ऐसे में इस हाइवे को इलेक्ट्रिक हाइवे बनाया जाएगा ताकि ट्रेनों की तर्ज पर बसे और ट्रक भी इलेक्ट्रिक तरीके से चल सके। गडकरी ने कहा कि पूरे वर्ल्ड में इतना लंबा 12 लेन का हाइवे कहीं नहीं है।

 

 

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