वाहनों का ऋण पूरा होने के बाद आरसी से बैंक का नाम हटाने की प्रक्रिया (हाइपोथीकेशन टर्मिनेशन) को दिल्ली सरकार आसान और पारदर्शी बनाने जा रही है। एक नवंबर से इससे जुड़ा डाटा बैंक सीधे परिवहन विभाग को मुहैया कराएंगे। इसके साथ ही दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ इसे लेकर बैठक की है। इसमें बैंकों से कहा गया है कि आधार कार्ड पर किए गए हस्ताक्षर को ही ई-हस्ताक्षर के माध्यम से प्रमाणीकरण की अनुमति दी जाए।

 

परिवहन विभाग की फेसलेस सेवा शुरू होने के बाद विभाग को हाइपोथीकेशन टर्मिनेशन (एचपीटी)के लिए 7111 आवेदन प्राप्त हुए हैं। एचपीटी परिवहन विभाग की सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली सेवाओं में से एक है। दिल्ली सरकार ने 11 अगस्त को फेसलेस सेवाओं की शुरुआत की थी। इससे पहले आवेदक को ऋण का भुगतान करने के बाद आवेदन करना होता था। इस प्रक्रिया के तहत आरसी से बैंक का नाम हटाने के लिए आवेदक को फार्म-35 और बैंक से एनओसी लेकर 90 दिनों के भीतर परिवहन विभाग में जमा करना होता था।

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फेसलेस सेवा शुरू होने के बाद हाइपोथीकेशन टर्मिनेशन के लिए विभाग ने आइसीआइसीआइ बैंक के साथ भागीदारी की है। इसलिए एक नवंबर से किसी भी वित्तीय संस्थान से वाहन ऋण प्राप्त करने वाले आवेदक को हाइपोथीकेशन टर्मिनेशन के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं होगी। ऋण जमा होते ही बैंक से परिवहन विभाग के पास खुद ही डाटा पहुंच जाएगा। इससे आवेदक को बैंक की एनओसी या अन्य दस्तावेज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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