दिल्ली में ग्रे लाइन का तोहफ़ा, जुड़ जाएगा कई Station और यात्रियों को होगा फ़ायदा.
कोरोना के कारण निर्माण कार्य प्रभावित होने से नजफगढ़-ढांसा बस स्टैंड मेट्रो कॉरिडोर अब अगले वर्ष बनकर तैयार होगा। यह कॉरिडोर ग्रे लाइन की विस्तार परियोजना है। अगले साल मई तक इस पर परिचालन शुरू होने की उम्मीद है। मौजूदा समय में ग्रे लाइन के 4.3 किलोमीटर हिस्से पर द्वारका से नजफगढ़ के बीच मेट्रो की सुविधा उपलब्ध है। ग्रे लाइन पर चार अक्टूबर 2019 को परिचालन शुरू हुआ था। इस मेट्रो लाइन का द्वारका स्टेशन ब्लू लाइन (द्वारका सेक्टर 24-इलेक्ट्रॉनिक सिटी नोएडा/वैशाली) के साथ इंटरचेंज स्टेशन है जिससे नजफगढ़ से नोएडा व वैशाली के बीच मेट्रो से आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है।
फिलहाल, नजफगढ़ मेट्रो स्टेशन से ढांसा बस स्टैंड के बीच 1.8 किलोमीटर लंबे भूमिगत कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है। यह कॉरिडोर इस साल दिसंबर में बनकर तैयार होना था। इस बीच अब दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने 48 करोड़ की लागत से ढांसा बस स्टैंड से आगे 289 मीटर का अतिरिक्त भूमिगत रिवर्सल कॉरिडोर बनाने का फैसला किया। यह रिवर्सल कॉरिडोर अगले साल मार्च तक बनकर तैयार होगा। रिवर्सल कॉरिडोर का निर्माण इसलिए किया जाएगा ताकि ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों को उतरने के बाद मेट्रो आगे जाकर उस कॉरिडोर से वापस द्वारका की तरफ लौट सके।
मेट्रो स्टेशन पर खुल रहा हैं कम गेट, लग जा रहा हैं लम्बा लाइन.
मेट्रो स्टेशनों पर भीड़ रोकने के लिए सिर्फ एक गेट खुल रहा है। इस वजह से सुबह व शाम को व्यस्त समय में कई स्टेशनों के बाहर यात्रियों की लंबी लाइन लग रही है। शाम को राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय सहित कई स्टेशनों पर यात्रियों की लंबी लाइन देखी जा सकती है। इस दौरान कई बार यात्रियों के बीच परस्पर शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी नहीं हो पाता। हालांकि, इस असुविधा से बचने के लिए यात्री डीएमआरसी से स्टेशनों पर कुछ अतिरिक्त गेट खोलने की मांग कर रहे हैं। डीएमआरसी ने आइटीओ, कश्मीरी गेट व कुछ अन्य स्टेशनों पर अब दो गेट खोल दिए हैं, लेकिन ज्यादातर स्टेशनों पर एक गेट ही खुला रहता है। डीएमआरसी का कहना है कि फिलहाल यही व्यवस्था लागू रहेगी। स्टेशन के बाहर भीड़ नियंत्रित करने की जिम्मेदारी संबंधित सिविक एजेंसियों की है।
मेट्रो में पहले से यात्री कम, स्मार्ट कार्ड बिक रहे ज्यादा.
मेट्रो का परिचालन दोबारा शुरू होने के बाद यात्रियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। करीब चार लाख यात्री प्रतिदिन सफर भी करने लगे हैं, लेकिन यह आंकड़ा कोरोना से पहले के मुकाबले बहुत कम है। फिर भी मेट्रो स्टेशनों पर स्मार्ट कार्ड की बिक्री में कमी नहीं आई है। बीते 10 दिनों में पहले की तुलना में 29 फीसद अधिक स्मार्ट कार्ड बिके हैं। सात सितंबर सिर्फ 1237 यात्रियों ने स्मार्ट कार्ड खरीदे थे, लेकिन अन्य कॉरिडोर पर परिचालन शुरू होने के साथ स्मार्ट कार्ड की बिक्री बढ़ती चली गई।
डीएमआरसी के अनुसार सात से 20 सितंबर के बीच एक लाख 50 हजार 521 यात्रियों ने स्मार्ट कार्ड खरीदे, जिसमें से एक लाख 29 हजार 554 यात्रियों ने 12 से 20 सितंबर के बीच स्मार्ट कार्ड खरीदे। इस तरह 12 सितंबर के बाद प्रतिदिन औसतन 12,955 यात्रियों ने स्मार्ट कार्ड खरीदे, जबकि कोरोना से पहले मेट्रो स्टेशनों पर प्रतिदिन करीब 10 हजार स्मार्ट कार्ड बिकते थे। तब मेट्रो में प्रतिदिन करीब 28 लाख यात्री सफर करते थे।