सुप्रीम कोर्ट के निर्देेश के बाद सभी नए वाहनों में अब रजिस्ट्रेशन के समय हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगाना अनिवार्य है। लेकिन 2012 से पहले के वाहनों में अभी भी पुरानी नंबर प्लेट लगी हुई हैं। इनमें लोहे या एलुमिनियम की प्लेट पर पेंट से वाहनों का नंबर लिखा हुआ है। अब ऐसे वाहनों पर दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा। ऐसे वाहनों को हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवाने के लिए 30 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। अगर इस दौरान पुराने वाहनों में ये हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाई जाती है तो वाहन मालिकों को पांच से दस हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

 

क्या हैं चार्जेज

दिल्ली के सभी प्रमुख इलाकों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने के लिए कुछ वाहन डीलरों को अनुमति दी गई है। पूरी दिल्ली में इन सेंटरों की संख्या 236 है। इन सेंटरों पर जाकर दोपहिया वाहनों के लिए 365 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 600 से 1100 रुपये में एचएसआरपी नंबर प्लेट लगवा सकते हैं। अनुमान है कि दिल्ली के लगभग 70 लाख निजी वाहन हैं, जिनमें 40 लाख दोपहिया वाहन, 25 लाख चार पहिया वाहन, 15 लाख व्यावसायिक वाहन हैं, इनमें मात्र पांच लाख वाहनों में ही अभी तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाई जा चुकी है। अगर विभाग कड़ा रूख अपनाता है तो सभी वाहन अचानक नंबर प्लेट बदलवाने के लिए सेंटरों की ओर रुख करेंगे। लेकिन इन सेंटरों की संख्या काफी कम है और विभाग ने एक महीने का ही समय दिया हुआ है, ऐसे में इन सेंटरों पर भारी भीड़ जमा हो सकती है। इसलिए समय रहते पुरानी नंबर प्लेट को बदलने में ही समझदारी है।

 

कलर कोड भी जरूरी

वही दिल्ली सरकार ने जारी अपने नोटिफिकेशन में गाड़ियों पर कलर कोड लगाने की बात भी कही है। जिससे पता चल सकेगा कि गाड़ी किस प्रकार के ईंधन पेट्रोल, डीजल या सीएनजी से चलती है। इसे भी किसी भी मान्यता प्राप्त डीलर से होलोग्राम बेस्ड कलर स्टीकर लगाया जा सकता है। इसमें पेट्रोल और सीएनजी चलित गाड़ियों के लिए हल्के नीले रंग, डीजल से चलने वाली गाड़ियों को नारंगी और अन्य प्रकार के ईंधन से चलने वाले वाहनों को ग्रे रंग का स्टीकर लगाना होगा। वहीं जिन वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाई जा चुकी है उन्हें अनिवार्य तौर पर होलोग्राम बेस्ड कलर कोड स्टीकर लगाना होगा।

 

नई नंबर प्लेट क्यों है बेहतर

दरअसल, वाहन चोर गाड़ियों की चोरी के समय नंबर प्लेटों से छेड़छाड़ करते हैं। इससे उन्हें पुलिस की पकड़ से दूर भागने में सुविधा रहती है। लेकिन एल्यूमिनियम की बनी नई हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट बदली नहीं जा सकती। बदलने की कोशिश करने पर यह टूट जाती है। ऐसे में गाड़ी पर नई नंबर प्लेट वही लगवा सकता है जिसके पास वाहन के पूरे कागजात हों क्योंकि नई नंबर प्लेट रजिस्टर्ड जगहों से ही लगवाई जा सकती है। ऐसे में वाहन चोर के पकड़े जाने की संभावना रहेगी। गौरतलब है कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने अक्टूबर 2018 में आदेश जारी कर कहा था कि सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टीकर अनिवार्य किए जाएं। जिसके बाद एक अप्रैल 2019 के बाद सड़क पर आने वाले सभी नए वाहन एचएसआरपी और कलर कोड के साथ आ रहे हैं।

 


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