कोरोना वायरस से लड़ते हुए कई डॉक्टर इस वायरस के चपेट में आ चुके है। दिन रात परिवार से दूर काम करते हुए और देशवासियों को कोविड से बचाव के लिए एक सुरक्षा कवच की भूमिका निभाते हुए अब तक राजधानी में 13 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। आधिकारिक तौर पर इस तरह के आंकड़े पहली बार सामने आए है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शुक्रवार को सूची जारी करके इस बात की पुष्टि की है कि दिल्ली में 13 डॉक्टरों की कोरोना से मौत हुई है। हालांकि केंद्र के पास दिल्ली के बस तीन डॉक्टरों की जानकारी है। केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत दिल्ली में अब तक तीन डॉक्टर और पाँच अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की मौत की जानकारी है। उन्हींने ये भी कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है इसीलिए आगे की जानकारी दिल्ली सरकार की ओर से आवेदन प्राप्त होने के बाद ही मिलेगी।

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा ने कोरोना के कारण मरने वाले डॉक्टरों का नाम बताया है। इनमें डॉ. यूसी घोष, डॉ अनूप, डॉ असीम गुप्ता, डॉ हरीश कुमार गुप्ता, डॉ जेएन पाण्डेय, डॉ रेड्डी, डॉ हरीश कुमार, डॉ जावेद अली, डॉ रिपून मालिक, डॉ यासिर नसीम, डॉ राजेन्द्र यादव, डॉ अभिषेक, डॉ जोगेंद्र चौधरी शामिल है। आईएमए की माँग है कि इन सभी जाबाज़ डॉक्टरों के परिजनों को सम्मान मिलना चाहिए क्योंकि सभी डॉक्टर कोविड से लड़ने के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़े थे और देश के लिए शहीद हुए।


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