‘वह किसान नहीं मवाली है’

गुरुवार को कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को लेकर केन्द्रीय मंत्री ने विवादित बयान दिया. मीनाक्षी लेखी ने प्रदर्शनकारी किसानों की तुलना मवालियों से करते हुए प्रदर्शन को आपराधिक करार दिया. लेखी ने कहा कि जो 26 जनवरी को हुआ वह भी शर्मिंदा करने वाली आपराधिक गतिविधि थी. लेखी ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह ऐसी गतिविधियों में सहयोग करता है.गुरुवार को हुई किसान संसद में एक मीडिया कर्मी के घायल होने के बाद यह बात कही.

Meenakshi Lekhi E1627016917755 'वह किसान नहीं मवाली है', केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने लगाया आरोप , कहा- विपक्ष दे रहा बढ़ावा

मेडिया पर हुआ हमला

किसान आंदोलन के दौरान एक समाचार चैनल के वीडियो पत्रकार के साथ कथित तौर पर ‘‘दुर्व्यवहार’’ का मामला सामने आया. एक पत्रकार ने इसी घटना के संदर्भ में भाजपा की प्रतिक्रिया जानने के लिए लेखी से जब आंदोलनकारियों को किसान कहकर संबोधित करते हुए अपना सवाल पूछा तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘फिर आप उन लोगों को किसान बोल रहे हैं…मवाली हैं वह लोग.‘‘मीडिया पर हमला आपराधिक गतिविधि है..जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वह भी शर्मनाक था. वह भी आपराधिक गतिविधियां थीं और विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया.’’

किसानों के पास इतना समय नहीं है कि वह जंतर-मंतर पर आकर धरने पर बैठे

इससे पहले, इसी प्रकरण से जुड़े एक अन्य सवाल पर भी आंदोलनकारियों को किसान कहने पर लेखी बिफर पड़ी. उन्होंने कहा, ‘‘पहली बात उन लोगों को किसान कहना बंद कीजिए. क्योंकि वह किसान नहीं हैं. वह ‘षडयंत्रकारी’ लोगों के हत्थे चढ़े कुछ लोग हैं जो कि किसानों के नाम पर यह ‘हरकतें’ कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि किसानों के पास इतना समय नहीं है कि वह जंतर-मंतर पर आकर धरने पर बैठे.किसान अपने खेतों में काम कर रहा है. ये आढ़तियों द्वारा चढ़ाए गए लोग हैं जो चाहते ही नहीं कि किसानों को किसी प्रकार का सीधा फायदा मिले.’’

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