उत्तर प्रदेश की 20 वर्षीय महिला के साथ हुए भयानक गैंगरेप और यातना के caste angle को चंद्रशेखर आज़ाद की भीम आर्मी ने दिल्ली के अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन में उजागर किया जहाँ आज पीड़िता की मृत्यु हो गई। SC से ताल्लुक रखने वाली पीड़िता पर दो सप्ताह पहले तथाकथित ऊंची जातियों के लोगों ने हमला किया था। डॉक्टरों ने कहा कि उसे भयानक चोटें लगी हैं जैसे रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर और उनकी जीभ काटने के साथ कई फ्रैक्चर। हमले ने नाराजगी पैदा की और सोशल मीडिया में कई लोगों ने इसकी तुलना दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप के साथ किया।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जाति-संबंधी झड़पों के दौरान सुर्ख़ियो में आई भीम आर्मी ने हमलावरों को सजा देने की मांग की है जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMMS) के सामने की सड़क अवरुद्ध की गई और भीड़ द्वारा “फाँसी दो” के नारे लगाए जा रहे थे। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि महिला को उसकी जाति के कारण उपेक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इसपे कोई टिप्पणी क्यों नहीं की? कंगना (अभिनेता कंगना रनौत) ने क्यों टिप्पणी नहीं की? योगी आदित्यनाथ सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में न्याय की उम्मीद मत करो”।
प्रदर्शनकारियों को गुस्सा इसीलिए आया क्योंकि पीड़िता के चिकित्सा उपचार में और आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की कार्रवाई में देरी के आरोप हैं। महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सार्वजनिक आक्रोश के बाद ही उनकी मदद की। यहां तक कि दिल्ली में उसके अस्पताल में भर्ती होने के मामले में परिवार ने कहा कि उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था हालांकि उन्हें वादा किया गया था कि वह एम्स जाएगी।
पीड़िता हाथरस जिले के एक गांव की निवासी है जिसे उसके दुपट्टे से खेतों में खींच लिया गया था जब 14. सितंबर को वो घास काट रही थी। शुरू में उसे अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कल दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था। डॉक्टरों ने कहा कि रीढ़ की हड्डी में लगी चोटों ने उसे लकवाग्रस्त छोड़ दिया और सांस लेना भी मुश्किल हो गया। उसके सभी चार हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया और वे अभी जेल में हैं। पुलिस ने कहा कि उन पर हत्या का आरोप लगाया जाएगा।