बाइक में तेज आवाज वाले साइलेंसर लगवाने पर नियम
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रॉयल एनफील्ड (बुलेट), हाले डेविडसन समेत कई हाई-पावर बाइक्स की तेज आवाज का संज्ञान लिया है। कोर्ट ने कहा कि बाइक्स के साइलेंसर में बदलाव का आजकल फैशन हो गया है। इससे बीमार लोगों, बुजुर्गों और बच्चों को बड़ी परेशानी होती है। अदालत ने MV ऐक्ट की धारा 52 के हवाले से कहा कि फैक्ट्री मॉडल में बदलाव पर बैन है। अदालत ने इसी अधिनियिम के अन्य प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा कि यह नियम विदेशी बाइकों पर भी लागू होते हैं।
RTO से अप्रूव्ड नहीं हैं ऐसे बदलाव
फैक्ट्री मॉडल में कोई भी बदलाव गैरकानूनी है अगर रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस से अप्रूवल न लिया गया हो। रॉयल एनफील्ड, केटीएम व अन्य कई ब्रैंड्स एक्जास्ट्स की अपनी रेंज है जो नियमों के मुताबिक है। मॉडिफाइड साइलेंसर लगाने के लिए कैटलिटिक कनवर्टर हटाना पड़ता है। जबकि यही एक्जॉस्ट गैसों को फिल्टर करता है ताकि खतरनाक कण वातावरण में ना फैल सकें।
फिर कैसे बदलवाएं साइलेंसर?
अगर आपको ऑफ्टरमार्केट एक्जॉस्ट लगवाना ही है तो वैसे साइलेंसर लगवाएं जो आधिकारिक रूप से बिकते हों। बाजार में ऐसे कई एक्जॉस्ट्स भी मौजूद हैं जिनमें डेसिबल किलर लगा होता है जो ध्वनि प्रदूषण को कम करते हैं मगर यह गैरकानूनी है।