दिल्ली में लागू होगा जीरो फैटलिटी कॉरिडोर मॉडल
दिल्ली में पहले आउटर रिंग रोड पर होने वाले एक्सीडेंट लोगों के लिए बड़ा चिंता का कारण बना हुआ था। लेकिन 2018 में दिल्ली सरकार द्वारा सेव लाइफ फाउंडेशन शुरू हुआ जिससे सड़क सुरक्षा में काफी बड़ा परिवर्तन आया और 2018 में पहली बार करार हुआ था। पूरी दिल्ली में अब जीरो फैटलिटी कॉरिडोर मॉडल लागू होगा।
सड़क सुरक्षा पर एमओयू बढ़ा 4 साल आगे
दिल्ली में सेव लाइफ फाउंडेशन के होने से सड़क पर होने वाली मौतों में 100% की कमी आई हैं। इसके लिए दिल्ली के सड़कों पर ब्लैक स्पॉट्स पर परीक्षण कर उसे ख़त्म किया गया और इसी से दूर्घटनाओं को रोकने में मदद मिली।
अब यही प्रयोग दिल्ली सरकार पूरी दिल्ली में करना चाहती है। दिल्ली सरकार और सेव लाइफ फाउंडेशन ने सड़क सुरक्षा पर एमओयू को 4 साल और आगे बढ़ाने का फैसला लिया हैं। सेव लाइफ फाउंडेशन का करार 4 साल और आगे बढ़ गया है। दिल्ली की सड़कों पर इस एमओयू के तहत अगले 2 वर्षों में दिल्ली के विभिन्न जिलों के 8 ब्लैक स्पॉट और 5 एक्सीडेंट-प्रोन जोन को सुरक्षित बनाया जाएगा।
जीरो फैटलिटी कॉरिडोर मॉडल कैसे करता है काम
सड़क सुरक्षा के लिए सेव लाइफ फाउंडेशन का ‘जीरो फैटलिटी कॉरिडोर’ मॉडल 360-डिग्री हस्तक्षेप के माध्यम से सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या को कम करने का प्रयास करता है।