तीस हजारी कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें उसने गफ्फार मार्केट के व्यापारियों को दुकानें खाली करने को कहा था। इस मामले में कोर्ट ने पांच अगस्त के लिए अगली सुनवाई निर्धारित कर दी है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने 23 जुलाई को गफ्फार मार्केट के पास एमसीडी मार्केट के बिल्डिंग जर्जर होने का हवाला देकर दुकानें खाली करने के नोटिस दिया था। इस नोटिस को चुनौती देते हुए मार्केट एसोसिएशन ने अदालत में वाद दायर कर कहा कि निगम गफ्फार मार्केट की दुकानों से वर्तमान दुकानदारों को बेदखल करके नई इमारत बनाकर नए लोगों को बेचना चाहता है।

 

Lajpat Nagar नही ख़ाली करना होगा दिल्ली में लोगों को अपना दुकान, कोर्ट ने कर दिया आदेश, नोटिस हुआ कैन्सल

यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम बिल्डर माफिया से मिलकर लीज पर दी गई दुकानों का सर्वे करा रहा है और इमारत को खतरनाक दिखाकर खाली करने को कह रहा है। उल्लेखनीय है कि निगम ने आइआइटी से इस इमारत की ढांचागत मजबूती का आडिट कराया था। आडिट में यह बात सामने आइ थी कि इमारत काफी कमजोर है। इसलिए निगम ने इस इमारत को जर्जर घोषित कर दिया था। निगम के जोन उपायुक्त ने आदेश में भी आइआइटी रुड़की की रिपोर्ट का हवाला दिया गया था।

 

 

गौरतलब है कि 23 जुलाई के नोटिस में व्यापारियों को उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने तीन दिन का समय इमारत खाली करने के लिए दिया था। मामले ने तूल पकड़ा को निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन ने मौके पर जाकर दस दिन के लिए निगम के आदेश पर रोक लगा दी। वहीं, उत्तरी नगर निगम का कहना है कि चूंकि बिल्डिंग जर्जर है, इसलिए खतरे को देखते हुए इसे तोड़कर एक नया व्यावसायिक परिसर बनाया जाएगा। जब तक इन व्यापारियों को अस्थायी स्थान भी आसपास उपलब्ध कराया जाएगा।

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