आने वाले कुछ सालों में देश की राजधानी दिल्ली से सटे 3 राज्यों (हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) के लोगों आवागमन बेहद सुलभ हो जाएगा। दिल्ली के सराय काले खां में रीजनल रेल ट्रांजिट सिस्टम (आआरटीएस) स्टेशन बनाया जा रहा है, जो एनसीआर का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट हब होगा। यह चार राज्यों राज्यों को आपस में जोड़ेगा, जिनमें दिल्ली के साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं।
जानकारों की मानें तो रैपिड रेल पर निर्भरता बढ़ी तो लोग समय और पैसै बचाने के लिए इस साधन का ही इस्तेमाल करेंगे। वहीं, विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली के सराय काले खां में रीजनल रेल ट्रांजिट सिस्टम (आआरटीएस) का स्टेशन के शुरू होने के बाद 1.5 लाख निजी वाहन कम होने के आसार है, जिससे भारी मात्रा में प्रदूषण कम होगा। यह दिल्ली-एनसीआर के लोगों की सेहत के लिए भी अच्छा होगा। दरअसल, यहां दिल्ली-मेरठ ही नहीं बल्कि दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) की रैपिड ट्रेन भी आएगी। इससे चार राज्यों के लोगों को आवागमन आसान होगा।
यह भी जानें
- 45 पिलरों पर स्टेशन बनाया जा रहा है। स्टेशन के लिए 15-15 पिलर की तीन लाइन स्टेशन के लिए बनाई जाएंगी।
- वाहन लेने के लिए स्टेशन से बाहर आने की जरूरत नहीं होगी।
- इस कारिडोर को 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य है।
- पहली रैपिड ट्रेन मई में दिल्ली पहुंच जाएगी और जून में इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा।
वहीं, रैपिड ट्रेन के दिल्ली से मेरठ के बीच के आरआरटीएस कारिडोर का कार्य तेज गति से चल रहा है। मंगलवार को इस कारिडोर के प्राथमिक खंड के पैकेज एक में यूरो पार्क के सामने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम द्वारा तारिणी की मदद से लिफ्ट कर आखिरी स्पैन स्थापित किया गया। एनसीआरटीसी द्वारा दिल्ली से मेरठ के बीच आरआरटीएस कारिडोर का निर्माण कार्य तीन हिस्सों में बांटा गया है। प्राथमिक खंड में साहिबाबाद से दुहाई का 17 किलोमीटर का क्षेत्र शामिल है। इसे पैकेज एक व दो में बांटकर कार्य किया जा रहा है। पैकेज एक में साहिबाबाद से गाजियाबाद और दो में गाजियाबाद से दुहाई का क्षेत्र शामिल है। एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि वर्ष 2019 में वायडक्ट का कार्य शुरू हुआ था, पैकेज एक साढ़े आठ किलोमीटर लंबा है। इस दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों ने आसमान में गुब्बारे छोड़कर खुशी भी मनाई।