दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने शनिवार को लैंड पूलिंग पोर्टल को तीन महीने के लिए एक बार फिर खोल दिया। अब किसान आगामी 28 अगस्त तक अधिग्रहण के लिए अपनी जमीन को डीडीए के पास पंजीकृत करा सकेंगे। फरवरी में पोर्टल को बंद कर दिया गया था। लैंड पूलिंग नीति में कुछ बदलाव के बाद इसे फिर खोला गया है।

केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय ने 11 अक्टूबर, 2018 को लैंड पूलिंग नीति की अधिसूचना जारी की थी। शुरुआती दौर में कुछ गांवों की जमीन को शहरी ग्रामीण क्षेत्र का हिस्सा न होने के कारण इसके दायरे में नहीं रखा गया था। लेकिन, बाद में कुल 109 सेक्टरों में विभाजित कर इस योजना को छह जोन में बांट दिया गया।

योजना के तहत दिल्ली में 17 लाख आवास बनाए जाने हैं। जोन पी टू में सेक्टर दो व तीन, जोन एन में सेक्टर 10 और जोन एल में सेक्टर तीन में जल्द किसानों के सशर्त समूह बनाए जाएंगे।

डीडीए ने विशेष पोर्टल भी बनाया है जिसके जरिये भू-स्वामी अपने दस्तावेज अथवा आवेदन संबंधी जानकारी हासिल कर सकते हैं। योजना में जोन जे, के-1, एल, एन, पी-1 और पी-2 में आने वाले 104 गांव शामिल हैं। यह पूरा क्षेत्र 129 सेक्टरों में विभाजित है। यदि भू-स्वामी कंसोर्टियम बनाने में विफल रहते हैं या उस विशेष सेक्टर में 70 प्रतिशत शामिल पूल्ड भूमि प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं, तो ऐसे नोटिस रद हो जाएगा।

लैंड पूलिंग क्षेत्र में सभी सेक्टरों के लिए भू-स्वामियों नक्शे के विवरण डीडीए की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट जीओवी डाट इन / रेफरेंस-मैप्स पर देखे जा सकते हैं। सेक्टर-तीन में लगभग 210 हेक्टेयर विकाय योग्य भूमि शामिल है, जिसमें से 156 हेक्टेयर भूमि वाले भू-स्वामी विकास के लिए आगे आए हैं। इसमें भी पूल की गई भूमि शामिल नहीं है।

अब तक 7619.95 हेक्टेयर भूमि पंजीकृत

पिछली बार 10 दिसंबर, 2021 को पालिसी के लिए पंजीकरण खोला गया था, जो 28 फरवरी, 2022 को ही समाप्त हुआ है। 10 दिसंबर तक डीडीए को मिली 7275.45 हेक्टेयर जमीन में 28 फरवरी तक 344.05 हेक्टेयर जमीन का और इजाफा हुआ है। यानी, अब 7619.95 हेक्टेयर जमीन पंजीकृत हो चुकी है।

डीडीए के अनुसार, पिछले साल 10 नवंबर से इस वर्ष 28 फरवरी के बीच कुल 290 आवेदन और 344 हेक्टेयर जमीन हासिल हुई है। इसमें जोन जे और पी-1 में भी आवेदन मिले हैं और जमीन भी पंजीकृत हुई है।

 


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