जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने फरवरी में हुए दिल्ली दंगो के मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने न्यायालय को बताया है कि उमर खालिद से कई सवालों पे पूछताछ करनी है जो अनसुलझे है और उमर खालिद तथा दंगों से जुड़े हुए है।

पुलिस ने ख़ालिद को गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के अंतर्गत गिरफ़्तार किया है और दंगों से जुड़ें 11 लाख पन्नों का डेटा बनाया है। इन पन्नों से अब उमर खालिद का सामना होगा और सवाल जवाब होंगे। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी से पहले उमर खालिद कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए थे, इसीलिए उन्हें मजबूरन कोर्ट से रिमांड की मांग करते हुए दलील दी थी कि उसे पूर्व छात्र नेता से कई तथ्यों के बारे में पूछताछ करनी है।

सूत्रों के द्वारा बताया जा रहा है ख़ालिद का एक खुफ़िया कार्यालय था जहाँ वे सह-आरोपी ताहिर हुसैन के साथ देर रात तक बैठक करता था और ये दफ़्तर चाँद बाग़ के इलाक़े में पड़ता है। सोमवार के दिन ख़ालिद से पूछताछ करने के बाद दिल्ली पुलिस को उन्हें गिरफ़्तार करना पड़ा।

काफी लोग सरकार के विरुद्ध ये टिप्पणी भी कर रहे है कि दिल्ली दंगों से संबंधित उन्होंने 11 लाख पन्नो का डेटा तैयार कर दिया मगर लॉकडाउन में मारे गए प्रवासी मज़दूरों का आंकड़ा उनके पास नहीं है। ये आरोप भी लगाया जा रहा है कि सरकार अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए ख़ालिद को फँसा रही है और असल ज़िम्मेदारियों से दूर भाग रही है। फ़िल्हाल, उमर ख़ालिद 10 दिन तक पुलिस कस्टडी में ही रहेंगे।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *