दिल्ली एनसीआर न्यूज़ : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से आने- जाने वाले वाहन चालकों के लिए एक मुख्य सूचना। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर निजामुद्दीन से एंट्री करने वाले वाहन चालकों के मोबाइल पर शुक्रवार से आयेगा टोल टैक्स का मैसेज। हालांकि, यह मैसेज जीरो अमाउंट का होगा।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एक नई तकनीक ऑटोमैटिक टोलिंग सिस्टम (automatic tolling system) एनएचएआई (NHAI) टोल कलेक्शन के लिए पायलट प्रोजेक्ट लांच किया जा रहा हैं।
देश में पहली बार टोल वसूलने का ड्राई रन कैमरे की मदद से किया जा रहा है। ड्राई रन होने की वजह से वाहन चालक के खाते से कोई पैसा नहीं कटेगा, बल्कि सिर्फ टोल टैक्स का मैसेज आएगा।
मुदित गर्ग दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि अब कैमरे की मदद से टोल वसूलने की तैयारी हो रही है। इसके लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर देश में पहला पायलट प्रोजेक्ट लांच किया गया है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर निजामुद्दीन से एंट्री करने वाले और यूपी गेट से निकलने वाले वाहन चालकों के फोन पर शुक्रवार से टोल कटने का मैसेज आएगा।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर ऑटोमेटिक टोलिंग सिस्टम के लिए जगह-जगह कैमरे लगा दिए गए हैं। इस कैमरे द्वारा गाड़ियों के नंबर प्लेट को स्कैन किया जायेगा। नंबर प्लेट से फास्टैग लिंक होता है, जो किसी ना किसी खाते से या फिर वॉलेट से लिंक होगा, जिससे वाहन चालक के पास टोल रोड से गुजरते ही मैसेज आ जाएगा।
मुदित गर्ग ने बताया कि फास्टैग और कैमरे की मदद से टोल वसूलने में फर्क है। अभी फास्टैग होने के बाद भी वाहन चालको को अपनी वाहनो कि स्पीड टोल प्लाजा पर 10 से 20 किलो मीटर प्रतिघंटे करनी पड़ती है। जिससे टोल वैरियर पर लगा रीडर वाहन पर लगे फास्टैग स्टीकर को रीड कर ले।
लेकिन, कैमरे की मदद से टोल वसूलने की नई तकनीक लागू होने के बाद वाहन चलाको को वाहन की गति कहीं पर भी धीमी नहीं करनी पड़ेगी। टोल रोड पर लगे कैमरे स्पीड में चल रही गाड़ी का भी नंबर प्लेट स्कैन कर लेंगे और टोल कट जाएगा। वैभव डांगे एनएचएआई के एडवाइजर और रोड ट्रांसपोर्ट के एक्सपर्ट ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद इस तकनीक का इस्तेमाल पूरे देश में किया जाएगा।
इससे जगह-जगह टोल प्लाजा बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और लोगों का समय भी बचेगा। विदेशों में इसी तरह टोल की वसूली होती है और अब वहीं व्यवस्था देश में भी शुरू करने की तैयारी हैं।