अरविंद केजरीवाल ने एक इंटरव्यू में कहा कि दिल्ली में कांग्रेस और भाजपा की सरकार लगातार 1990 के बाद से रही लेकिन कश्मीरी पंडितों की चिंता किसी ने नहीं की सब ने इस पर केवल राजनीति किया.

 

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में कांट्रेक्चुअल तौर पर 1993 से कई कश्मीरी पंडित शिक्षकों के तौर पर पढ़ा रहे थे बिना ज्यादा एडवर्टाइजमेंट और मोहल्ला के दिल्ली के आम आदमी पार्टी की सरकार ने इनकी नौकरियों को पक्का किया और साथ ही साथ इनके बकाया और इनके सेवा को 1993 से परमानेंट करार कर पैसे भी दिए.

 

अरविंद केजरीवाल ने दे रहे इंटरव्यू में यह भी कहा कि पार्टी लाइन से ऊपर उठकर कश्मीरी पंडितों के साथ न्याय करने की जरूरत है और उन्हें दोबारा से मेंस्ट्रीम में लाने के लिए पॉलिसी बनाया जाना चाहिए और उसके तहत कार्य किया जाना चाहिए.

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