बाहरी रिंग रोड पर जगतपुर व गोपालपुर के बीच निर्माणाधीन अंडरपास का 75 फीसद कार्य पूरा हो चुका है। ऐसे में निर्माण कार्य को पूरा होने में अभी दो से तीन माह का वक्त लगेगा। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार जुलाई के अंत तक निर्माण कार्य को पूरा कर वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि, अंडरपास परियोजना के तहत ही यहां निर्मित सब-वे को लोगों की आवाजाही के लिए महीनों पूर्व ही खोला जा चुका है।
मौजूदा समय में अंडरपास के ढांचे के निर्माण कार्य को पूरा कर अब उन ढांचों को योजना स्थल पर लाकर अंडरपास का रूप दिया जा रहा है। ढांचा निर्माण के तहत अंडरपास के लिए कलवर्टो (बाक्स), दीवारें आदि के निर्माण कराए गए हैं। अगले दो से तीन माह के अंदर चार रैंप, फुटपाथ, दीवारों की प्लास्टर, रंग रोगन जैसे कामों को पूरा कर लिया जाएगा। योजना कार्य पर 33 करोड़ की लागत आएगी। इस योजना के लिए वर्ष 2017 में गुरु हनुमान सोसायटी आफ इंडिया ने लोक निर्माण विभाग को प्रस्ताव भेजकर आग्रह किया था।
ऐसे में सभी औपचारिकता को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 22 जून 2017 को मंजूरी दी थी। संस्था के अध्यक्ष अतुल रणजीत कुमार ने बताया कि अंडरपास के लिए वर्ष 2018 में ही विभाग ने टेंडर जारी कर दिया था। लेकिन आइजीएल की पाइप लाइन की शिफ्टिंग और कोरोना के चलते योजना कार्य में में देरी होती रही। लेकिन अब जुलाई तक काम को पूरा होने की उम्मीद बंधी है।
इसलिए जरूरी है अंडरपास:
आउटर रिंग रोड पर गोपालपुर-जगतपुर के बीच कट बंद हो जाने की वजह से दो दर्जन से अधिक कालोनियों के लोगों को रिंग रोड पार करने के लिए पांच से सात किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। इससे सबसे ज्यादा दिक्कतें पैदल चलने वाले व साइकिल चालकों को हो रही है। खासकर ऐसे लोग कई बार बड़े नाले के किनारे बने सड़क का इस्तेमाल करने के बजाय बाहरी रिंग रोड पर पहुंच जाते हैं और तेज भागती गाड़ियों के बीच ही सड़क को पार करते हैं।
जिससे उनके जान पर भी खतरा बना रहता है। यही कारण है कि अंडरपास में पैदल व साइकिल चालकों के दो अलग अलग लेन बनाए गए हैं और वाहनों की आवाजाही के लिए निश्चित दूरी पर दो अंडरपास बनाए बनाए जा रहे हैं, जिससे वाहन आपस में नहीं टकराए और जाम की स्थिति भी नहीं बने।
इन इलाकों को मिलेगा लाभ:
अंडरपास बनने के बाद जगतपुर, गोपालपुर, बुराड़ी, गांधी विहार, वजीराबाद, सोनिया विहार, झड़ौदा, मिलन विहार, संगम विहार, नेहरू विहार, मुखर्जी नगर समेत दो दर्जन से अधिक कालोनियां व गांवों के लोगों को लाभ मिलेगा।