राजधानी में रविवार को कोरोना के 1083 नए मरीज मिले। साथ ही एक मरीज की मौत हो गई। मरीजों की मौत का सिलसिला लगातार पांच दिन से जारी है। जबकि इससे पहले लगातार मरीजों की मौत नहीं हो रही थी। संक्रमण दर मामूली रूप से घटकर 4.82 से 4.48 प्रतिशत पर आ गई। 24 घंटे में 812 मरीज ठीक हुए। 24 घंटे में 24 हजार 177 सैंपल की जांच हुई। राजधानी में पांच अप्रैल से कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हुए हैं, तब से अभी तक कोरोना के कुल नौ हजार 494 नए मरीज मिल चुके हैं।
पांच अप्रैल को कोरोना के 112 नए मरीज मिले थे और संक्रमण दर 1.05 प्रतिशत थी। मौजूदा समय में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 3975 हो गई है। इनमें से 80 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। 2812 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। कंटेनमेंट जोन की संख्या 647 से बढ़कर 656 हो गई है।
सिर्फ शोपीस बन गया है मास्क
वहीं, राजधानी में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, लेकिन मध्य व पुरानी दिल्ली के बाजारों और मेट्रो-बस व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर इसे लेकर सतर्कता नहीं दिख रही है, बल्कि लापरवाही जारी है। कनाट प्लेस, करोलबाग, चांदनी चौक, जनपथ, सदर बाजार में कई लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। रविवार को चांदनी चौक बाजार में खरीदारों की अधिक भीड़ नजर आई। कई लोगों ने मास्क तो लगा रखा था, लेकिन वह नाक से नीचे था। वहीं, कई लोग बिना मास्क के बाजार में घूमते दिखे। हालांकि, यहां सिविल डिफेंस के लोग तो दिखे, लेकिन उनका भय नजर नहीं आया। लोग बाजारों में बेपरवाह होकर घूमते नजर आए।मेट्रो-बसों में नहीं दिखी सामाजिक दूरीइसी तरह मेट्रो व बसों में भी कई यात्री बिना मास्क के यात्रा करते दिखे। उनमें सामाजिक दूरी भी नहीं दिखाई दी।
सार्वजनिक जगहों जैसे बाराखंबा मेट्रो के पास स्थित निजी कार्यालय के बाहर लोग बिना मास्क के नजर आए। बाजारों से लेकर मेट्रो में कोरोना के पर्याप्त दिशानिदेर्शो के पालन करने के लिए लाउडस्पीकर की उद्घोषणा की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद कई लोग लापरवाही बरत रहे हैं। चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने कहा कि कोरोना ने एक बार भी ¨चता की लकीर खींच दी है। दुकानों के अंदर तो बिना मास्क के खरीदारों के आने में पाबंदी लगा रखी है, लेकिन दुकानों के बाहर लोगों को मास्क लगाने के लिए रोक कहना दुकानदारों के मुश्किल है। इसके लिए प्रशासन को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।