एमसीडी द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर 19 मार्च यानि शुक्रवार को सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर चले जाएंगे। अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने अपने लंबित वेतन की रिहाई के लिए दबाव बनाने के लिए यह कदम उठाने का फैसला किया है। आरडीए ने उनकी मांगों को पूरा नहीं करने पर 22 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की भी धमकी दी है। डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) आयुक्त के 17 मार्च के पत्र के अनुसार, उन्हें पिछले साल के बकाया के साथ दिसंबर 2020 से उनका वेतन नहीं मिला है।
पत्र में कहा गया है कि यह “19 मार्च को सामूहिक आकस्मिक अवकाश के बारे में सूचना है, इसके बाद 22 मार्च से पूरी तरह से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी, यदि बकाया राशि के साथ सभी वेतन ब्याज सहित जारी नहीं किए जाते हैं और नियमित रूप से सीट रिक्तियां जल्द से जल्द जारी नहीं की जाती हैं।”
हिंदू राव अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर पिछले 4 महीनों से विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा, हिंदू राव अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल, गिरधारी लाल मातृत्व अस्पताल, महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग और राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी मेडिसिन और तपेदिक जैसे अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सों ने वेतन का भुगतान न करने का विरोध किया है।
एनडीएमसी अपने पांच अस्पतालों में लगभग 1,000 वरिष्ठ डॉक्टरों, 1,500 नर्सिंग अधिकारियों और 500 निवासी डॉक्टरों को नियुक्त करता है।