दिल्ली के सराय काले खां में बन रहा रीजनल रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) स्टेशन एनसीआर का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट हब होगा। यह दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान यानी चार राज्यों को आपस में जोड़ेगा। यहां दिल्ली-मेरठ ही नहीं बल्कि दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) की रैपिड ट्रेन भी आएगी।
खास बात यह कि स्टेशन तेजी से आकार ले रहा है। सराय काले खां स्टेशन का निर्माण कार्य अगले चरण में पहुंच गया है। इस एलिवेटेड स्टेशन के पिलर का निर्माण तो चल ही रहा है, स्टेशन के कानकोर्स लेवल के लिए पियर आर्म्स बनाने का निर्माण कार्य भी आरंभ हो गया है।
215 मीटर लंबा, 50 मीटर चौड़ा और 15 मीटर ऊंचा यह स्टेशन, 45 पिलरों की सहायता से बनाया जा रहा है। 15-15 पिलर की तीन लाइनें इस स्टेशन के लिए बनाई जाएंगी। बने हुए पिलर पर कानकोर्स लेवल के पिलर आर्म्स की कास्टिंग का निर्माण कार्य भी आरंभ हो गया है। इसका निर्माण कार्य पूर्ण होने पर स्टेशन के प्लेटफार्म लेवल का कार्य प्रारंभ होगा। अधिकारियों के मुताबिक सराय काले खां स्टेशन की योजना इस प्रकार बनाई गई है कि यह मेट्रो, वीर हकीकत राय अंतरराज्यीय बस अड्डा व हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन को भी निर्बाध रूप से जोड़ेगा।
एनसीआर परिवहन निगम की रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की योजना के मूल में मल्टी -माडल इंटीग्रेशन को रखा गया है। इस स्टेशन का डिजाइन इस तरह से बनाया गया है कि विभिन्न परिवहन साधनों के बीच आने-जाने के लिए यात्रियों को स्टेशन से बाहर, सड़क पर निकलने की आवश्यकता न पड़े।
निर्माण के दौरान लोगों की असुविधा को कम करने और दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर को समय पर पूरा करने के लिए एनसीआरटीसी ने बड़े पैमाने पर प्रीकास्ट तकनीक अपनाई है। आरआरटीएस का सभी निर्माण कार्य निर्धारित बैरिकेडिंग क्षेत्र में ही किया जा रहा है और सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर ट्रैफिक मार्शल भी नियुक्त किए गए है जिससे रोड पर आवागमन बाधित ना हो।
एनसीआरटीसी द्वारा निर्माणाधीन 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली- गाजियाबाद – मेरठ कारिडोर के साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी के प्राथमिकता वाले खंड को 2023 तक और पूरे कारिडोर को 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य है। पहली रैपिड ट्रेन अगले माह दिल्ली पहुंच जाएगी। जून से इसका ट्रायल भी शुरू हो जाएगा।