कोविद पॉजिटिव होने पर घर पर इलाज करे
भारत में 130 कड़ोर की आबादी है , जिसमे अब तक साढ़े तीन लाख से अधिक लोग कोविद संक्रमित पाए गए है , अगर इस हिसाब से मेडिकल फैसिलिटी , डॉक्टर्स,नर्स , दवाइयां , या अस्पतालों में बेड देखा जाये तो भारत में इतने लोगों की देखभाल करने के लिए मरीजों और डॉक्टर्स, मेडिकल फैलिटीज़ में काफी अंतर पाया जाता है ,माजूदा हालात अब ऐसे है की अस्पतालों में कही बेड की कमी है तो कही डॉक्टर्स की ऐसे में सभी लोग अगर अस्पताल इलाज करवाने आ जाते है तो , लोगों के संक्रमित होने की सम्भावना तो बढ़ती ही है , इसके अलावा इलाज का कोई उपाय नहीं मिल पाता।
एम्स निदेशक , रणदीप गुलेरिया कहते है
जो भी #COVID19 पाॅजिटिव आता है उसमें ये पैनिक हो जाता है कि कहीं मुझे बाद में ऑक्सीजन और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत न पड़े इसलिए मैं अभी भर्ती हो जाता हूं। इससे अस्पतालों के बाहर बहुत भीड़ हो जाती है और वास्तविक मरीज़ों को इलाज नहीं मिल पाता है। अगर आपको कोविड के कोई भी लक्षण हों तो आप खुद को घर में आइसोलेट करें, रिपोर्ट आने का इंतजार न करें।
कई बार RT-PCR टेस्ट नेगेटिव भी आ सकता है क्योंकि उसकी संवेदनशीलता 100% नहीं है। उस स्थिति में भी मानकर चलना चाहिए कि आपको #COVID19 है और उसका इलाज करना चाहिए। अगर सब लोग होम आइसोलेशन नहीं करेंगे और पैनिक के कारण अस्पताल में भर्ती होना चाहेंगे तो दुनिया का कोई इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा नहीं है जो इन सब लोगों को मैनेज कर पाएगा