अल्फा और डेल्टा वैरिएंट पर असरदार निकली Covaxin
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अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य शोध संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने इस बात का दावा किया है। संस्था ने बताया कि दो शोधों के डाटा के आधार पर ये दावा किया जा रहा है। कोवाक्सिन लगवाने वाले लोगों के रक्त सीरम के दो अध्ययनों के परिणाम बताते हैं कि यह टीका ऐसे एंटीबॉडी विकसित करता है, जो सार्स-सीओवी-2 के बी.1.1.7 (अल्फा) और बी.1.617 (डेल्टा) स्वरूपों को प्रभावी तरीके से बेअसर करते हैं.
#Covaxin comprises a disabled form of SARS-CoV-2 that can not replicate but still stimulates the immune system to make antibodies against the virushttps://t.co/jzcyA4RGsF
— WION (@WIONews) June 30, 2021
7 से 10 दिन में पूरी हो जाएगी रिसर्च
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव ने शुक्रवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि, ‘कोविड-19 के दोनों ही टीके- कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा वेरिएंट के विरूद्ध काम करते हैं. हालांकि हमारी टीम अब ये पता लगाने में जुटी है कि मौजूदा वैक्सीन नए कोरोना वेरिएंट पर कितनी असरदार है.