देश का प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स सुसाइड पॉइंट बनता जा रहा है। सोमवार शाम को एमबीबीएस के एक और छात्र ने हॉस्टल की छत से नीचे छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। छात्र को एम्स के ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस को छात्र के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। छात्र के मोबाइल पर लॉक लगा हुआ है। छात्र की दिमागी हालत ठीक नहीं थी और उसका इलाज चल रहा था। हौजखास थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार मृतक छात्र की पहचान बंगलुरू निवासी विकास (22) के रूप में हुई। वह एम्स से ही एमबीबीएस कर रहा था और फाइनल ईयर का छात्र था। विकास मई महीने से एम्स के मनोविज्ञान केन्द्र में भर्ती था और उसका इलाज चल रहा था। इस कारण उसके माता-पिता दिल्ली आए हुए था। शाम के समय उसने वार्ड से एक घंटे की छुट्टी ली थी। कुछ देर बाद पता लगा कि उसने हॉस्टल की छत से नीचे छलांग लगा दी है। माता-पिता विकास को ट्रामा सेंटर ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हौजखास पुलिस खुदकुशी के कारणों की जांच कर रही है। ये भी पता किया जा रहा है कि विकास छत पर कैसे पहुंच गया। दूसरी तरफ एम्स में हो रही खुदकुशी की घटनाओं ने एम्स प्रबंधन के लिए चिंता खड़ी कर दी है। विकास के शव को पोस्टमार्टम के लिए रख दिया है। विकास के शव का मंगलवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों के अनुसार परिजनों से पूछताछ के बाद ही खुदकुशी के कारणों का पता लग जाएगा।
कुछ ही दिन में तीन लोग कर चुके हैं खुदकुशी
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हाल के कुछ महीनों में इससे पहले पांच लोग खुदकुशी कर चुके है। मध्यप्रदेश से इलाज कराने आए युवक राजमणि से 16 जुलाई को एम्स के बाथरूम में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इससे 25 वर्षीय एक जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर अनुराग ने छात्रावास की दसवीं मंजिल से छलांग लगा ली जिससे उसकी मौत हो गई थी। वह मनोविज्ञान विभाग में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर था। इससे पहले भी एक अपनी मां का इलाज कराने आई लड़की ने खुदकुशी कर ली थी। पिता जब दवा लेने गए थे उसी वक्त वो गायब हो गई थी। काफी तलाश करने के बाद लड़की की लाश मिली थी। छह जुलाई को एम्स के ट्रामा सेंटर से कूदकर पत्रकार ने खुदकुशी कर ली। तीन मार्च को भी दवा की दुकान में काम करने वाले युवक ने खुदकुशी कर ली।