अक्सर लोग जब कार की सर्विस कराने जाते हैं तो कार में कोई न कोई कमी बताकर सर्विस सेंटर वाले ज्यादा पैसा वसूल कर लेते हैं. लोग कार सर्विस करवाते समय इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि लोकल मैकेनिक से ही सर्विस करा ली जाए या कंपनी के सर्विस सेंटर पर जाएं. कुछ लोग फ्री सर्विस खत्म होने पर लोकल मैकेनिक से सर्विस करवा लेते हैं. इसमें आपको सर्विस चार्ज भले ही कम देना पड़े लेकिन कई हिडन चार्ज या कुछ कमी बताकर आपसे ज्यादा पैसे ऐंठ लिए जाते हैं. हालांकि कुछ लोग सिर्फ कंपनी के सर्विस सेंटर पर ही जाते हैं. लेकिन यहां भी आपको चूना लगा दिया जाता है. अगर कार की सर्विस कराते वक्त आपसे भी फालतू पैसे वसूल कर लिए जाते हैं तो आज हम आपको कुछ टिप्स और ट्रिक्स बताएंगे जिससे आप सर्विसिंग के दौरान ध्यान में रख सकते हैं.

 

1-काला होने पर ऑयल चेंज करना पड़ेगा

जब भी आप सर्विस सेंटर पर जाते हैं मैकेनिक ऑयल चेंज कराने के लिए जरूर बोलते हैं. ऑयल काला हो गया है बदलवा लो, लेकिन आपको मैकेनिक की बातों में नहीं आना. ऑयल काला होने का मतलब ये नहीं है कि खराब है. डीजल गाडियों में डालते ही ऑयल काला होने लगता है बेहतर होगा आप घर पर ऑयल डिप से ऑयल की क्वालिटी चैक कर लें. इसके अलावा आप सर्विस रिकॉर्ड से भी ऑयल बदलवाने का ध्यान रख सकते हैं. आप एक साल पूरा होने या 10 हजार किमी से ज्यादा चलने पर सर्विस जरूर कराएं और ऑयल बदलवाएं.

 

2- एसी फिल्टर चेंज होगा

लोग ये नहीं जानते कि एसी फिल्टर कब बदलवाना चाहिए. गर्मियों में कूलिंग की दिक्कत होती है और मैकेनिक एसी फिल्टर बदलवाने की सलाह देत हैं बेहतर होगा आप गर्मी शुरू होने से पहले एक बार एसी चेक करा लें. इसके अलावा 20 हजार किमी. चलने पर एसी फिल्टर बदलवा लेना चाहिए.

 

3- फुल सिंथेटिक ऑयल बढ़ जाएगी कार की लाइफ

कई बार मैकेनिक पैसे कमाने के चक्कर में फुल सिंथेटिक ऑयल डलवाने की सलाह देते हैं. ये बात सही है कि फुल सिंथेटिक ऑयल से इंजन की लाइफ बढ़ती है लेकिन ये ऑयल नॉर्मल ऑयल से तीन गुना मंहगा होता है आपको कार के यूज के हिसाब से इस ऑयल को डलवाना चाहिए. अगर आपकी कार ज्यादा चलती है तो आप ये ऑयल डलवा सकते हैं, क्योंकि सेमी सिंथेटिक और फुल सिंथेटिक ऑयल का सीधा असर गाड़ी के इंजन स्मूदनेस, रनिंग और वियर-एंड-टियर पर पड़ता है.

 

4- व्हील अलाइनमेंट सही नहीं है


अक्सर कार सर्विसिंग के दौरन ऐसी बातें बोलकर आपका बिल बढ़ा दिया जाता है. मैकेनिक आपको व्हील बैलेंसिंग गड़बड़ होने के बारे में बताएगा. आप उसकी बातों न आकर खुद टायर की कंडीशन से इसका पता लगा सकते हैं अगर आगे के टायर अनियमित तरह से घिस रहे हैं तो व्हील अलाइनमेंट की जरूरत है. इसके अलावा हाई स्पीड में स्टीयरिंग व्हील में जर्क या वाइब्रेशन आ रहा है, तो बैलेंसिंग की जरूरत है.

 

5- बैटरी खराब है बदलनी पड़ेगी

बैटरी खराब होने के नाम पर भी फिजूल का चार्ज किया जाता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो बैटरी लेवल मेनटेन रखने से आपकी बैटरी की लाइफ बढ़ जाती है और लंबे समय तक दिक्कत नहीं आती. इसके लिए आपको साल में दो बार बैटरी वॉटर टॉप-अप कराना चाहिए. अगर बैटरी डिसचार्ज हो रही है तो एक-दो बार चार्ज करवा लें. अल्टीनेटर भी चेक करा लें. अगर फिर भी दिक्कत आ रही है तो बैटरी बदलवा सकते हैं.

 

6- व्हील अलाइनमेंट सही नहीं है

 

अक्सर कार सर्विसिंग के दौरन ऐसी बातें बोलकर आपका बिल बढ़ा दिया जाता है. मैकेनिक आपको व्हील बैलेंसिंग गड़बड़ होने के बारे में बताएगा. आप उसकी बातों न आकर खुद टायर की कंडीशन से इसका पता लगा सकते हैं अगर आगे के टायर अनियमित तरह से घिस रहे हैं तो व्हील अलाइनमेंट की जरूरत है. इसके अलावा हाई स्पीड में स्टीयरिंग व्हील में जर्क या वाइब्रेशन आ रहा है, तो बैलेंसिंग की जरूरत है.

 

7- एयर-ऑयल फिल्टर बदलवा लो

लोकल मैकेनिक फिल्टर में बड़ी कमाई कर लेते हैं. फिल्टर खराब होने की बात कहकर कार में लोकल फिल्टर लगा दिए जाते हैं और आपको पता भी नहीं चलता. अगर फिल्टर्स चेंज कराने हैं तो अथॉराइज्ड सेंटर से ही कराएं.

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

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