दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर पूर्णतया स्वदेशी रैपिड ट्रेन को एक विदेशी कंपनी चलाएगी। पहला ट्रेन सेट मिलने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने रैपिड ट्रेन का परिचालन निजी हाथों में सौंप दिया है। एक दो दिन में ही इस आशय का वर्क आर्डर भी हो जाएगा।

Image

जानकारी के मुताबिक दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर रैपिड ट्रेन के परिचालन और रखरखाव (ओएनएम) के लिए जर्मनी की कंपनी डीबी (दोशे भान) का चयन किया गया है। यही कंपनी इस ट्रैक पर ट्रेन चलाएगी और इसके बेहतर परिचालन की जिम्मेदारी संभालेगी। एनसीआरटीसी की भूमिका सिर्फ निगरानी तक ही रहेगी।

All about Delhi Meerut Rapid Rail Corridor

 

मीडिया से बातचीत में ओएनएम टेंडर की पुष्टि करते हुए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय में सचिव मनोज जोशी ने बताया कि दिल्ली मेरठ कॉरिडोर प्रोजेक्ट की लागत 30,274 करोड़ है। करीब करीब इतनी ही लागत दिल्ली पानीपत और दिल्ली अलवर कॉरिडोर की भी अनुमानित हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने से इतना पैसा जाने के बाद उसका रिटर्न भी जरूरी है और प्रोजेक्ट का बेहतर ढंग से संचालन भी। इसीलिए ट्रेन का परिचालन किसी प्रोफेशनल कंपनी को देने का निर्णय हुआ।

वहीं एनसीआरटीसी अधिकारियों ने बताया कि डीबी जर्मनी की बहुत बड़ी, पुरानी और अनुभवी कंपनी है। वहां का सारा ट्रेन सिस्टम यही कंपनी संभाल रही है। ऐसी किसी प्रोफेशनल कंपनी के जरिये रैपिड ट्रेन का भी निर्बाध परिचालन व विश्वस्तरीय रखरखाव सुनिश्चित हो सकेगा।

Image

सूत्रों ने बताया कि ओएनएम टेंडर की वजह से ही अभी तक दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर रैपिड ट्रेन के सफर का किराया भी तय नहीं हो पाया है। दरअसल, इस बाबत रैपिड ट्रेन चलाने वाली कंपनी की राय भी बहुत मायने रखती है। संभावना है कि अब यह किराया भी कुछ माह में तय हो जाएगा। बकौल जोशी, किराया न बहुत ज्यादा होगा और न बहुत कम। ट्रेन की रफ्तार और सुविधाजनक सफर को ध्यान में रखते हुए ऐसा ही रखा जाएगा कि हर वर्ग उसे वहन कर सके।

 

 

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

Leave a comment