दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहन चालक कुछ दिन और बिना टोल फीस चुकाए चल सकेंगे। 25 दिसंबर से टोल वसूली अभी टल गई है। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि मंत्रालय से स्वीकृति मिलने पर टोल वसूली शुरू की जाएगी, अभी इसके लिए नई तारीख तय नहीं की गई है।
चिपियाना आरओबी को छोड़कर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की चार फेज बनकर तैयार हो चुके हैं। 23 दिसंबर को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने डासना के पास एएनपीआर बेस टोल फीस कलेक्शन सेंटर का उद्घाटन किया था। 25 दिसंबर सुबह आठ बजे से इस एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली शुरू की जानी थी। इसके लिए पाथवे नाम की कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है और कंपनी ने तैयारी भी पूरी कर ली थी। इसके बावजूद टोल वसूली शुरू नहीं हो पाई।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार का कहना है कि टोल फीस कलेक्शन शुरू करने के लिए मंत्रालय से एक और अनुमति की जरूरत होती है, यह अनुमति अभी तक नहीं मिली है। टोल कलेक्शन के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किए जाने, सार्वजनिक सूचना प्रकाशित किए जाने की अन्य सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद टोल कलेक्शन शुरू कर दिया जाएगा। उनका कहना है कि इसके लिए अभी कोई नई तारीख तय नहीं हुई है, जल्द ही तारीख तय हो जाएगी।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहनों का आवागमन शुरू हो जाने के बाद दिल्ली से मेरठ जाना बेहद आसान हो गया है। करीब 60 किलोमीटर के इस एक्सप्रेसवे के जरिए महज 40 मिनट में दिल्ली सराय काले खां से मेरठ तक पहुंचा जा सकता है। गाजियाबाद के डासना से महज 20 मिनट में मेरठ काशी टोल तक का सफर पूरा हो जाता है। इसके बन जाने से वाहन चालकों को समय के साथ-साथ ईंधन की भी बचत हो रही है।