वाहन मालिकों को अक्सर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के तरफ से जारी किए जाने वाले अलग-अलग दिशानिर्देशों की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसी ही एक दिशा निर्देश एनजीटी के तरफ से जारी की गई थी जिसमें सार्वजनिक  वाहन और उससे नीचे स्तर के वाहनों को 6 महीने के भीतर हटाने के लिए कहा गया था अब इस पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आ चुकी है जिसे वाहन मालिकों का जानना जरूरी है.

15 साल तक गाड़ी चलाने से नहीं Rok सकता कोई

सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के इस आदेश को स्थगित कर दिया है और कहा है कि जो वाहन  रजिस्टर हो चुके हैं उन्हें 15 साल सेवा देने से स्थगित नहीं किया जाएगा. यह पूरा मामला बंगाल के सरकारी वकील के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया था जो कि बंगाल सरकार के दिशा निर्देश के आधार पर था.

6 महीने के भीतर नहीं हटाना होगा पुराना गाड़ी

पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यह आदेश पारित किया था कि कोलकाता और हावड़ा इलाके से सारे bs4 और उसके नीचे के वाहन 6 महीने के भीतर सड़कों से हटाने थे जिसकी वजह से सार्वजनिक क्षेत्र में कार्य कर रहे वाहन मालिकों को कड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था जिसने ट्रैफिक चेकिंग के दौरान वाहन मालिकों को इसकी जानकारी दी जा रही थी और रोका भी जा रहा था.

पीयूसी रखना अनिवार्य.

अगर आप भी bs4 या उससे नीचे के वाहन रखते हैं तो आपको ध्यान रखना होगा कि प्रदूषण सर्टिफिकेट अपने साथ रखें और अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के तारीख के आधार पर 15 साल के भीतर वैद्य रहने पर ही गाड़ियों को सड़क पर उतारे अन्यथा आप जुर्माना के भागीदार हो सकते हैं.

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