कमल के ऑडिशन से स्कूल के आर्टिस्टिक डायरेक्टर फर्नांडो अगलेरा काफी प्रभावित हुए। स्कूल ने उनके प्रशिक्षण की पूरी जिम्मेदारी उठाई।

 

छह साल पहले विकासपुरी स्थित चंद्र विहार में रहने वाले कमल सिंह ने मोबाइल पर एबीसीडी (एनी बडी कैन डांस) फिल्म देखी तभी उनके मन में डांस की दुनिया में कुछ करने की चाहत जगी और फिर यहां से शुरू हुआ सफर रूस से होते हुए अब लंदन पहुंचने वाला है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो एक ई-रिक्शा चालक का बेटा कमल बैले डांस की दुनिया में चमकता सितारा होगा। कमल की मेहनत व उनके गुरु फर्नांडो अगलेरा के मार्गदर्शन ने यह साबित कर दिया कि प्रतिभा संसाधन नहीं ,बल्कि अवसर की मोहताज होती है। कमल को इंग्लिश नेशनल बैले स्कूल लंदन में दाखिला मिल गया है। यहां एक वर्ष का प्रशिक्षण पूरा कर वे प्रोफेशनल बैले डांसर की दुनिया में अपना कदम रखेंगे।

Kamal Singh, rickshaw driver son ballet dancer

विकासपुरी स्थित गवर्नमेंट ब्वायज सीनियर सेकेंड्री स्कूल से बारहवीं पास करने वाले कमल ने कहा ‘बचपन से ही मुङो डांस का शौक था। चंद्र विहार इलाके में स्कूल से आने के बाद पार्क में जाकर डांस करता था। हवा में कलाबाजी करता था। उस समय तक बैले डांस के बारे में कुछ पता नहीं था। वर्ष 2014 में जब एबीसीडी फिल्म देखी तो पहली बार बैले डांस देखा और इसका स्टेप मुङो काफी आकर्षित करने लगा। पार्क में जाकर उस स्टेप को दोहराने का प्रयास करता था, लेकिन मैं जानता था कि इससे जिंदगी संवरने वाली नहीं है। वर्ष 2016 में इंटरनेट पर बैले डांस एकेडमी के बारे में पता करना शुरू किया। इस बीच साकेत स्थित इंपीरियल फर्नांडो बैले स्कूल के बारे में जानकारी मिली। यहां पर फोन कर अपनी इच्छा जताई और अगले दिन सीधे स्कूल पहुंचकर ऑडिशन दिया’.

 

Kamal Singh, rickshaw driver son ballet dancer

कमल को इंग्लिश नेशनल बैले स्कूल लंदन में मिल गया है दाखिला

कमल की चाहत थी कि इंग्लिश नेशनल बैले स्कूल लंदन में भी प्रशिक्षण लिया जाए। इसके लिए मेहनत करने लगे। कमल ने कहा लॉकडाउन के दौरान अभ्यास कर पाना कठिन था, क्योंकि चंद्र विहार से साकेत आना- जाना संभव नहीं था। कमल की विवशता को देखते हुए फर्नांडो ने उन्हें अपने साथ वसंत विहार में रहने को कहा और घर पर ही रहकर प्रशिक्षण देते रहे। इसके बाद कमल ने बैले डांस की वीडियो इंग्लिश नेशनल बैले स्कूल लंदन भेजा, जहां वीडियो देखने के बाद प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया। कमल ने कहा ‘इंपीरियल फर्नांडो बैले स्कूल का मैं जिंदगी भर आभारी रहूंगा। खासकर संस्थान के डायरेक्टर रफी खान व आर्टिस्टिक डायरेक्टर फर्नांडो अगलेरा ने हमारी काफी मदद की है। लंदन में प्रशिक्षण के दौरान जो खर्च होंगे वह सभी स्कूल की ओर से ही उठाए जाएंगे। एक ई-रिक्शा चालक का बेटा तो यह सपने में भी नहीं सोच सकता है कि उसे लंदन में प्रशिक्षण पाने का मौका मिलेगा। 19 सितंबर को लंदन जाऊंगा। वहां पर 14 दिनों तक क्वारंटाइन रहने के बाद प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। ’ इससे पहले कमल रूस में भी एक महीने का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।

 

 

मैंने अपने जीवन में रूस व लंदन का नाम ही सुना है। आज मेरा बेटा वहां जाकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है, इससे बड़ी बात क्या होगी। दो रोटी के लिए प्रतिदिन जद्दोजहद करने वाले इंसान के लिए यह सपना सच होने जैसा है। ईश्वर बेटे को तरक्की दे और वह अपने देश का नाम रोशन करे। साथ ही मेरे बेटे के जीवन में फर्नांडो अगलेरा ईश्वर बनकर ही आए हैं। उनके बारे में बोलने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।

करनैल सिंह, कमल के पिता

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