दिल्ली में ठंड की शुरुआत होने के साथ हैं प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए विभिन्न प्रकार के नियमों को लागू कर दिया गया है जिसमें वाहनों के ऊपर लगाए गए प्रतिबंध सबसे ज्यादा आम लोगों के लिए अहम हैं. दिल्ली सरकार ने आज एक सार्वजनिक जानकारी अखबारों के माध्यम से जारी की है.
₹10000 का जुर्माना चालू.
दिल्ली सरकार ने अपने सार्वजनिक सूचना में कहा है कि अनिवार्य प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के बिना वाहन चालक अगर बाहर निकलते हैं तो उन्हें किसी भी जगह जुर्माना किया जा सकेगा
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दिल्ली सरकार दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने और वायु गुणवत्ता में सुधार के अपने प्रयासों में दिल्ली के सभी मोटर वाहन मालिकों से अपने वाहनों के लिए वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) प्राप्त करने का अनुरोध करती है । जिन वाहनों का पीयूसी सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुका है, उनका विभाग चालान करने जा रहा है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 190 (2) के तहत चालान जारी किया जाएगा जिसके अनुसार PUCC रखने में विफलता के लिए 03 महीने तक की कैद या रुपये 10,000/ तक का जुर्माना या दोनों साथ-साथ हो सकता है। उन्हें 03 महीने के लिए अपना लाइसेंस रखने के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। सभी पंजीकृत वाहन मालिक जिनके वाहन पंजीकरण की तारीख से (इलेक्ट्रिक/बैटरी चालित वाहनों को छोड़कर) 01 वर्ष से अधिक पुराने हैं, उन्हें अपने वाहन की जांच कराने और जुर्माना से बचने के लिए पीयूसी प्रमाण पत्र प्राप्त करने का निर्देश दिया जाता है। अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्रों की सूची इस विभाग की वेबसाइट (www.https : //transport.delhi.gov.in) पर उपलब्ध है।
पुराने वाहनों का पंजीकरण निरस्त.
10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन के पंजीकरण को स्वत: निरस्त कर दिया गया है और ऐसी गाड़ियों के बाहर निकलने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है. अगर ऐसी गाड़ियां बाहर निकलती है तो उन्हें कहीं पर भी जुर्माना का सामना करना पड़ेगा और अधिकतम कार्यवाही में उनकी गाड़ियों को जप्त कर कबाड़ खाने भेजा जा सकेगा.