दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने एक ओर कामयाबी हासिल कर ली है। रेल निगम में स्वदेशी सिग्नल विकसित करने की ओर कदम बढ़ाया है। यह आइ-एटीएस-इंडिजेनस-ऑटोमेटिक ट्रेन सुपरविजन सिग्नल की तकनीक है।

यह एक कंप्यूटर आधारित प्रणाली होती है। इस तकनीक से चालक की बगैर ही ट्रेन का परिचालन किया जा सकता है। मेट्रो में इस तरह के ऑटोमेटिक सिग्नल की आवश्यकता होती है। इस तकनीक में ट्रेन का परिचालन स्वयं नियंत्रित होता है। हालांकि अभी सुरक्षा कारणों से ट्रेन में चालक मौजूद रहते हैं। देश में इससे पहले विदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इस तकनीक से भारतीय रेलवे को भी लाभ पहुंचेगा। बताया गया कि फिलहाल पिंक व मजेंटा लाइन में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने शास्त्री पार्क में आइ-एटीएस के प्रोटोटाइप व अत्याधुनिक प्रयोगशाला का शुभारंभ किया। इसमें अब सीबीटीएस (संचार आधारित ट्रेन कंट्रोल) सिग्नल प्रौघोगिकी विकसित की जाएगी।

बता दें कि सीबीटीएस एटीएस से एक कदम आगे की तकनीक है।

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