इस साल पुराने पेट्रोल गाड़ियों भी होंगी प्रतिबंधित.

इस साल ठंड के दौरान दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) नए रूप में लागू होगा। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने इसमें बदलाव करते हुए हर चरण में कुछ प्रतिबंध जोड़े हैं। राज्य सरकारें अब बीएस-3 पेट्रोल, बीएस-4 डीजल और हल्के मोटर वाहनों (चार पहिया) पर भी रोक लगा सकेंगी।

2017 में केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रलय द्वारा अधिसूचित ग्रेप हर साल अक्टूबर के मध्य में लागू होता है, जब इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर बिगड़ना शुरू हो जाता है। ग्रेप में किया गया बदलाव दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरे को कम करने के लिए सीएक्यूएम द्वारा तैयार की गई नई नीति का हिस्सा है।

 

पहले व दूसरे चरण में होटल-रेस्तरां में लकड़ी जलाने पर रोक

संशोधित ग्रेप में होटल, रेस्तरां, खुले भोजनालयों में तंदूर सहित कोयले व लकड़ी जलाने पर भी प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है। स्टेज-एक के तहत आकस्मिक और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर सेट पर भी रोक रहेगी।

 

 

तीसरे चरण में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध

यदि स्थिति गंभीर (तीसरा चरण) है, तो अधिकारियों को आवश्यक परियोजनाओं (जैसे रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डे, आइएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा राष्ट्रीय रक्षा से संबंधित परियोजनाओं) को छोड़कर, एनसीआर में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लागू करना होगा। प्लं¨बग, बढ़ईगीरी, आंतरिक सजावट, विद्युत कार्य चल सकेंगे। तीसरे चरण के तहत ईंट-भट्टों, हाट मिक्स प्लांट और स्वच्छ ईंधन पर काम नहीं करने वाले स्टोन क्रशर और एनसीआर में खनन व संबंधित गतिविधियों पर भी पाबंदी होगी।

चौथे चरण में दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक

आपातकालीन स्थिति या चौथे चरण में अपनाए जाने वाले उपायों में दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, डीजल से चलने वाले मध्यम माल वाहनों और भारी माल वाहनों के राष्ट्रीय राजधानी में चलने पर पाबंदी होगी। बीएस-4 वाहनों और आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को छोड़कर चार पहिया डीजल हल्के मोटर वाहनों के उपयोग पर भी दिल्ली और एनसीआर के सीमावर्ती जिलों में प्रतिबंध रहेगा। चौथे चरण में गंदे ईंधन से चलने वाले उद्योगों और राजमार्गों, सड़कों, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज व पाइपलाइनों जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं में सी एंड डी (निर्माण और विध्वंस) गतिविधियों पर भी रोक लगाई जाएगी। राज्य सरकारें 50 प्रतिशत कर्मियों को घर से काम करने की अनुमति दे सकती हैं।

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