मैट्रिमोनियल साइट पर खुद को एनआरआई बताकर तलाकशुदा महिलाओं को शादी और वीजा दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले मुख्य आरोपी समेत दो को आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी ने तीन शादी कर रखी हैं और उस पर तीन मामले दर्ज हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि वह अब तक करीब पचास से अधिक महिलाओं से ठगी कर चुका है।
एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त संजय कुमार त्यागी ने बताया कि आरोपियों की पहचान कपूरथला पंजाब निवासी पुरुषोत्तम शर्मा उर्फ पंकज शर्मा और रोहिणी सेक्टर 34 निवासी कुलदीप सिंह के रूप में हुई है। पश्चिम विहार निवासी एक महिला ने इस वर्ष सितंबर माह में आईजीआई एयरपोर्ट थाने में ठगी की शिकायत की। उसने बताया कि वह तलाकशुदा है। उसे गुजारा भत्ता के तौर पर 25 लाख रुपये मिले थे।
मैट्रिमोनियल साइट के जरिए वह पंकज शर्मा के संपर्क में आई। बातचीत के दौरान उसने खुद को एनआरआई बताया और शादी का प्रस्ताव रखा। उसने बताया कि उसका कार्यालय चंडीगढ़, अंबाला और करनाल में है। वह कई लोगों को विदेश भेज चुका है। उसने शिकायतकर्ता को कनाडा में उसके लिए शादी करवाने की बात कही। उससे प्रेरित होकर महिला ने कनाडा का वीजा के लिए उसे अपना आईटीआर, फोटो, बैंक स्टेटमेंट और पासपोर्ट सौंप दिया।
पासपोर्ट लेने के बाद आरोपी किसी न किसी बहाने से उससे पैसे की मांग करने लगा। अक्तूबर 2020 में बैंक के जरिये और मुलाकात के दौरान महिला ने आरोपी को नकद का भुगतान किया। पुलिस महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की। तकनीकी जांच के बाद पुलिस ने 21 दिसंबर को पंकज शर्मा को अमृतसर पंजाब से गिरफ्तार कर लिया। उसके निशानदेही पर पुलिस ने 26 दिसंबर को कुलदीप को रोहिणी से गिरफ्तार कर लिया।
मैट्रिमोनियल साइट पर तलाशता था तलाकशुदा महिला
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह ठगी के लिए मैट्रिमोनियल साइट पर तलाकशुदा महिला को खोजता था। खुद को एनआरआई बताकर वह शादी का झांसा देकर उनसे बातचीत शुरू करता था। फिर उन्हें वीजा दिलाने के नाम पर ठगी करता था। सहयोगी कुलदीप की मदद से शिकायतकर्ता के लिए वीजा स्टीकर का इंतजाम करता था। कुलदीप ने बताया कि वह अपने एक साथी के माध्यम से पासपोर्ट पर कनाडा का वीजा चस्पा दिया था।
कोविड का बहाना कर करता था रुपये की उगाही
पहले आरोपी कनाडा दूतावास से वीजा दिलाने का आश्वासन देता था लेकिन बाद में वह कोविड के कारण प्रतिबंध के चलते इंडोनेशियाई दूतावास से वीजा स्वीकृत करवाने की बात कहता था। वीजा में देरी होने के बारे में पूछने पर वह कोविड का बहाना बना देता था। बाद में आरोपी साथी के साथ मिलकर पैसे हड़पने के लिए उसके पासपोर्ट पर लगने वाले नकली वीजा की व्यवस्था करता था। इस दौरान वह शिकायतकर्ता महिलाओं से पैसे की उगाही करता था.