कोरोना महामारी ने सारी दुनिया को परेशान किया। लोगों की जिंदगी बदहाली में गुजरी। इस महामारी का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ा जो छोटे-छोटे व्यवसाय या ध्याड़ी मजदूरी करके जिंदगी गुजारते थे। मगर क्या कोई कोरोना महामारी से इतना परेशान हो सकता है कि इसका जिम्मेदार भगवान को ठहरा दे।
ऐसी ही एक घटना पंजाबी बाग के पश्चिमपुरी में वैष्णव माता मंदिर में देखने को मिली। जब सुबह पुजारी मंदिर पहुंचे तो मंदिर की हालत देख कर हैरान हो गए। मंदिर के भीतर पत्थर ही पत्थर बिखरे पड़े थे और भगवान की मुर्तियाँ खंडित थी। पुजारी ने इसकी सूचना पुलिस को दी और पुलिस द्वारा मामले की जाँच में मंदिर परिसर के सीसीटीवी खंगाले गए।
जाँच के बाद 28 वर्षीय विक्की नाम के युवक की पहचान की गई। और उसे पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया। विक्की से पूछ ताछ के बाद पुलिस द्वारा बताया कि विक्की ने अपना गुनाह कबूल किया उसने बताया कि वह भगवान से नाराज था, इसी वजह से इस घटना को अंजाम दिया।
विक्की ने बताया कि लाॅकडाउन से पहले उसके पिता शंभू रघुवीर नगर में कबाड़ी का काम करते थे। वह पिता के काम में हाथ बंटाता था। लाॅकडाउन के बाद उसके पिता दुकान बंद कर बिहार के मोतीहारी स्थित अपने गांव चले गए। इसके बाद से युवक के पास ना रहने का ठिकाना था ना कोई काम ना कमाई का कोई जरिया।
वह बदहाली में इधर-उधर घूमता रहता था और अपनी इस स्थिति का जिम्मेदार भगवान को ठहराता रहा। गुस्से में उसने भगवान से बदला लेने के लिए शुक्रवार देर रात साढ़े बारह बजे वारदात को अंजाम दिया। पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार कर मामले की छानबीन की जा रही है।