चीन, अमेरिकी सहित दुनिया के कई देशों में सख्त मौद्रिक नीति, दुनियाभर में आर्थिक मंदी की आशंका के चलते एक बार फिर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है। बुधवार को क्रूड आयल में 4 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। इसमें इस महीने अब तक 10% की गिरावट दिख चकी है।

 

 

लंदन ब्रोकर्स मैरेक्स में फंडामेंटल रिसर्च के ग्लोबल हेड ज्योर्गी स्लावोव के मुताबिक दुनिया के अधिकांश भागों में क्रूड और ऑयल प्रोडक्ट की खपत उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रही है, यह काफी चिंताजनक है। इसके अलावा आपूर्ति श्रंखला में अभी भी काफी भंडार जमा है जिसकी वजह से कीमतों में गिरावट आ रही है। फेड सहित दुनिया के कई केंद्रीय बैंक महंगाई कम करने के लिए ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं। इससे आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ तेल की डिमांड में भी कमी आने का अंदेशा है।

 

भारत में कम हो सकती हैं क़ीमत

भारत में लम्बे समय से पेट्रोल डीज़ल में कोई बड़ा परिवर्तन नही हुआ हैं. अगर भारत सरकार कम्पनियों के साथ दुबारा समीक्षा कर राहत सीधा देश वासियों को देती हैं तो औसतन 10 रुपए प्रति लीटर पूरे देशभर में पेट्रोल की क़ीमत और 9 रुपए डीज़ल की क़ीमत कम हो जाएगी.

 

 

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