दिल्ली की सड़कों पर डीजल के 10 साल पुराने और पेट्रोल के 15 साल पुराने वाहन भी इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित किए जा सकेंगे। दिल्ली सरकार की ओर से इसे मंजूरी मिलने के बाद नए साल में लागू करने की तैयारी चल रही है। परिवहन विभाग ने इसके लिए एजेंसियों को आमंत्रित किया है, ताकि मियाद खत्म हो चुके वाहनों को ई-वाहनों में तब्दील कर दोबारा सड़कों पर उतारे जा सकें। इस पहल से हर साल लाखों रुपये की बचत हो सकेगी।
एनजीटी के आदेश के तहत दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को सड़कों पर उतरने की इजाजत नहीं है। वाहनों की रेट्रोफिटिंग (डीजल या पेट्रोल को इलेक्ट्रिक में परिवर्तित करने) से लोगों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट (सीएसई) की विशेषज्ञ डॉ. मौसमी मोहंती ने बताया कि इस पर अध्ययन किया जा रहा है। खासतौर पर कार मालिकों को रेट्रोफिटिंग की सुविधा से काफी फायदा मिलेगा। क्योंकि, मियाद खत्म होने पर लाखों की कार महज 35-40 हजार रुपये में कबाड़ में बिकेंगी, जबकि नए वाहन खरीदने में लाखों का खर्च करना पड़ेगा। अगर इनसे इलेक्ट्रिक कारें तैयार की जाएं तो कम लागत में अधिक फायदा हो सकता है।
परिवहन विभाग के एक आला अधिकारी ने कहा कि इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इसे लागू करने से पहले प्रारूप तैयार किया जा रहा है, ताकि वाहनों की रेट्रोफिटिंग करवाने में लोगों को सहूलियतें मिल सके। उम्मीद है कि नए साल में इसे दिल्ली में लागू कर दिया जाएगा।